श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन हुआ श्रीकृष्ण रूकमणी का विवाह बालोतरा। निकटवर्ती गा्रम जसोल के श्रीयादे मन्दिर के पास अरिहंत नगर में समस्त गा्...
श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन हुआ श्रीकृष्ण रूकमणी का विवाह
बालोतरा। निकटवर्ती गा्रम जसोल के श्रीयादे मन्दिर के पास अरिहंत नगर में समस्त गा्रमवासियों के सहयोग से महंत विरमनाथ महाराज के सानिध्य में चल रही भागवत कथा में कथावाचक बाल साध्वी प्रेम बाईसा में कंश वद्य, व कृष्ण-रूकमणी विवाह का विवाह का विस्तार से वर्णन किया। साध्वी ने कहा कि भगवान कृष्ण की अनूठी लीला है। भगवान श्री कृष्ण ने 16108 रानियों के साथ प्रेम पूर्वक जीवन जीया साथ ही साथ साध्वी ने सुंदर भजनों की प्रस्तूतियां दी। बायों म्हारी गायों मंगलाचार कानों परणीजे......., इस दौरान झांकियो ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया।
इस दौरान कृष्ण-बलराम, कृष्ण-रूकमणी की झांकिया भी आर्कषण का केन्द्र रही। साध्वी प्रेम बाईसा ने नशा मुक्ति पर विशेष प्रभाव देते हुए कहा कि मनुष्य ने हमेशा नशे से दुर रहना चाहिए। क्यों कि नशा नाश की निशानी है। नशा जहर से भी अति घातक है। क्योंकि जहर से तो जहर खाने वाला ही मरता है लेकिन नशे से पुरे परिवार का नाश होता है। कथा श्रवण के लिए हजारों की संख्या में जसोल, नाकोडा, पचपदरा, बालोतरा से भक्तों की भारी भीड उमडी। कथा की पूर्णाहूति आज यज्ञ के साथ दोपहर 3 बजे होगी।
बालोतरा। निकटवर्ती गा्रम जसोल के श्रीयादे मन्दिर के पास अरिहंत नगर में समस्त गा्रमवासियों के सहयोग से महंत विरमनाथ महाराज के सानिध्य में चल रही भागवत कथा में कथावाचक बाल साध्वी प्रेम बाईसा में कंश वद्य, व कृष्ण-रूकमणी विवाह का विवाह का विस्तार से वर्णन किया। साध्वी ने कहा कि भगवान कृष्ण की अनूठी लीला है। भगवान श्री कृष्ण ने 16108 रानियों के साथ प्रेम पूर्वक जीवन जीया साथ ही साथ साध्वी ने सुंदर भजनों की प्रस्तूतियां दी। बायों म्हारी गायों मंगलाचार कानों परणीजे......., इस दौरान झांकियो ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया।
इस दौरान कृष्ण-बलराम, कृष्ण-रूकमणी की झांकिया भी आर्कषण का केन्द्र रही। साध्वी प्रेम बाईसा ने नशा मुक्ति पर विशेष प्रभाव देते हुए कहा कि मनुष्य ने हमेशा नशे से दुर रहना चाहिए। क्यों कि नशा नाश की निशानी है। नशा जहर से भी अति घातक है। क्योंकि जहर से तो जहर खाने वाला ही मरता है लेकिन नशे से पुरे परिवार का नाश होता है। कथा श्रवण के लिए हजारों की संख्या में जसोल, नाकोडा, पचपदरा, बालोतरा से भक्तों की भारी भीड उमडी। कथा की पूर्णाहूति आज यज्ञ के साथ दोपहर 3 बजे होगी।
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