जसोल स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर में त्रयोदशी के मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने किए दर्शन जसोल। कार्तिक मास की शुक्ल त्रयोदशी व च...
जसोल स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर में त्रयोदशी के मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
जसोल। कार्तिक मास की शुक्ल त्रयोदशी व चतुर्दशी को जसोल माता राणी भटियाणी के दर्शन के लिए देश के कौने-कौने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की घंटों प्रतीक्षा के बाद आई बारी पर मां के दरबार में शीश नवा, कुंकुम, चुंदड़ी व प्रसाद चढ़ाकर परिवार में खुशहाली की कामना की। दिनभर श्रद्धालुओं की आवाजाही से मेला-सा माहौल नजर आया। बुधवार सवेरे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया, जो कि दिन चढऩे के साथ बढ़ता ही गया। मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, गुंगा, जालोर, सिरोही के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी व एमपी से भी श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ जसोलधाम पहुंचे। मंदिर व्यवस्था समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेट्स, पेयजल के साथ सुचारू रूप से दर्शन के लिए व्यवस्था की गई। जसोल पुलिस चौकी प्रभारी शैतानसिंह व मंदिर व्यवस्थापक जेठूसिंह के नेतृत्व में मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए।
श्रद्धालुओं ने दिया राती जोगा
मन्नतें पूरी होने पर बहुत से श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में राती जोगा दिया। जिसमें सारी रात महिलाओं ने भजन कीर्तन किए। त्रयोदशी को ब्रह्म मुहूर्त में निज मंदिर के दरवाजे खुलते ही यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने मां की मंगल आरती कर, शीश नवाकर प्रसाद चढ़ा परिवार में जोली भर खुशहाली की कामना की। त्रयोदशी को लेकर मां की प्रतिमा का गहनों, कपड़ों व फूल-मालाओं से विशेष श्रृंगार किया गया। दिन निकलने के साथ बालोतरा सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों श्रद्धालुओं माजीसा के भजन गाते व जयकारे लगाते मंदिर द्वार पहुंचे।
माता से की सुख समृद्धि की कामना
श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर स्थित सवाईसिंहजी राठौड़, लालसिंहजी राजा व बायोसा मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर खुशहाली की कामना की। श्रद्धालुओं के लगाए जाने वाले जयकारों व गाए जाने वाले भजनों से माहौल धर्ममय बना गया। दिनभर श्रद्धालुओं की भारी आवाजाही से यहां मेला-सा माहौल नजर आया।
बड़ी संख्या में पहुंचे पैदल जत्थे
त्रयोदशी को दर्शन करने के लिए बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालोर, सांचोर, सिरोही, पाली, जैसलमेर आदि जिलों से सैकड़ों किमी की दूरी तय कर इस दिन दर्जनों की संख्या में पैदल जत्थे मंदिर पहुंचे। डीजे साउंड पर बजते माजीसा के भजनों पर झूमते नाचते मंदिर पहुुंचे। श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंच माजीसा के समक्ष शीश नवाया।
छेड़ाबंदी कर लगाई धोक
मंदिर में मां के दर्शनार्थ आए नव विवाहित जोड़ों ने मंदिर की परिक्रमा लगाकर अपने सुखी दांपत्य जीवन की कामना की। वहीं बच्चों की दीर्घायु जीवन की कामना को लेकर अभिभावकों ने उनके झड़ूलें उतरवाए। संतान प्राप्ति की कामना लेकर आए निसंतान दंपतियों ने बायोसा की खेजड़ी के तांती बांधी। श्रद्धालुओं ने मंदिर में स्थित बायोसा, सवाईसिंहजी व लालसिंहजी के मंदिरों में भी दर्शन व पूजा-अर्चना की।
जसोल। कार्तिक मास की शुक्ल त्रयोदशी व चतुर्दशी को जसोल माता राणी भटियाणी के दर्शन के लिए देश के कौने-कौने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की घंटों प्रतीक्षा के बाद आई बारी पर मां के दरबार में शीश नवा, कुंकुम, चुंदड़ी व प्रसाद चढ़ाकर परिवार में खुशहाली की कामना की। दिनभर श्रद्धालुओं की आवाजाही से मेला-सा माहौल नजर आया। बुधवार सवेरे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया, जो कि दिन चढऩे के साथ बढ़ता ही गया। मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, गुंगा, जालोर, सिरोही के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी व एमपी से भी श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ जसोलधाम पहुंचे। मंदिर व्यवस्था समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेट्स, पेयजल के साथ सुचारू रूप से दर्शन के लिए व्यवस्था की गई। जसोल पुलिस चौकी प्रभारी शैतानसिंह व मंदिर व्यवस्थापक जेठूसिंह के नेतृत्व में मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए।
श्रद्धालुओं ने दिया राती जोगा
मन्नतें पूरी होने पर बहुत से श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में राती जोगा दिया। जिसमें सारी रात महिलाओं ने भजन कीर्तन किए। त्रयोदशी को ब्रह्म मुहूर्त में निज मंदिर के दरवाजे खुलते ही यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने मां की मंगल आरती कर, शीश नवाकर प्रसाद चढ़ा परिवार में जोली भर खुशहाली की कामना की। त्रयोदशी को लेकर मां की प्रतिमा का गहनों, कपड़ों व फूल-मालाओं से विशेष श्रृंगार किया गया। दिन निकलने के साथ बालोतरा सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों श्रद्धालुओं माजीसा के भजन गाते व जयकारे लगाते मंदिर द्वार पहुंचे।
माता से की सुख समृद्धि की कामना
श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर स्थित सवाईसिंहजी राठौड़, लालसिंहजी राजा व बायोसा मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर खुशहाली की कामना की। श्रद्धालुओं के लगाए जाने वाले जयकारों व गाए जाने वाले भजनों से माहौल धर्ममय बना गया। दिनभर श्रद्धालुओं की भारी आवाजाही से यहां मेला-सा माहौल नजर आया।
बड़ी संख्या में पहुंचे पैदल जत्थे
त्रयोदशी को दर्शन करने के लिए बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालोर, सांचोर, सिरोही, पाली, जैसलमेर आदि जिलों से सैकड़ों किमी की दूरी तय कर इस दिन दर्जनों की संख्या में पैदल जत्थे मंदिर पहुंचे। डीजे साउंड पर बजते माजीसा के भजनों पर झूमते नाचते मंदिर पहुुंचे। श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंच माजीसा के समक्ष शीश नवाया।
छेड़ाबंदी कर लगाई धोक
मंदिर में मां के दर्शनार्थ आए नव विवाहित जोड़ों ने मंदिर की परिक्रमा लगाकर अपने सुखी दांपत्य जीवन की कामना की। वहीं बच्चों की दीर्घायु जीवन की कामना को लेकर अभिभावकों ने उनके झड़ूलें उतरवाए। संतान प्राप्ति की कामना लेकर आए निसंतान दंपतियों ने बायोसा की खेजड़ी के तांती बांधी। श्रद्धालुओं ने मंदिर में स्थित बायोसा, सवाईसिंहजी व लालसिंहजी के मंदिरों में भी दर्शन व पूजा-अर्चना की।
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