15 जनवरी तक रहेगा प्रभाव, वृश्चिक से धनु राशि में सूर्य का प्रवेश बालोतरा। ग्रहों का राजा सूर्य 16 दिसंबर को घर छोड़ रहा है। वह वृश्चिक राशि...
15 जनवरी तक रहेगा प्रभाव, वृश्चिक से धनु राशि में सूर्य का प्रवेश
बालोतरा। ग्रहों का राजा सूर्य 16 दिसंबर को घर छोड़ रहा है। वह वृश्चिक राशि को छोडक़र धनु राशि में प्रवेश करेगा। ग्रहों के हो रहे इस बदलाव के साथ ही मलमास की भी शुरुआत हो जाएगी। इसमें शादियों की धूम थम जाएगी। शुभ कार्य भी वर्जित रहेंगे। मलमास (खरमास) के कारण जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश संस्कार आदि मांगलिक कार्य भी नहीं होंगे। पंडित जीतेन्द्र दवे के अनुसार सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के कारण शुभ कार्य नहीं होते हैं। इस वर्ष 16 दिसंबर को सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेगा। इससे धनु मलमास प्रारंभ होगा, जो 15 जनवरी तक रहेगा। यह हर साल मकर संक्रांति तक ही रहता है, मगर इस बार मकर संक्रांति भी 15 जनवरी को होने के कारण इसका असर इस दिन तक रहेगा। इस दौरान किसी प्रकार के शुभ कार्य नहीं होंगे। 16 जनवरी से विवाह के शुभ मुहूर्त फिर से प्रारंभ होंगे, जो 13 जून तक चलेंगे। पंडित शर्मा ने बताया कि मलमास के दौरान मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे, पर जाप, हवन, यज्ञ भागवत कथा के आयोजन हो सकते हैं।
नए वर्ष में विवाह की रहेगी धूम
नएसाल में विवाह की धूम रहेगी। 20 अप्रैल से 13 जून के बीच 24 दिनों तक शहनाई गूंजेगी। जनवरी, मार्च और अप्रैल में भी विवाह के कई मुहूर्त हैं। 17 जून से 16 जुलाई तक अधिकमास लगेगा। 25 जुलाई को शुद्ध नवमी को विवाह होंगे, वहीं 27 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। इसके बाद 31 अक्टूबर को देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह के साथ शुभ कार्य शुरू होंगे।
आषाढ़ का अधिकमास
अंग्रेजीऔर हिंदी महीनों में 12 माह होते हैं, लेकिन विक्रम संवत् 2072 अधिकमास है। पंडित दवे ने बताया कि हर तीन साल में एक अधिकमास आता है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस माह में दान-पुण्य, धार्मिक पूजा-पाठ आदि तो किए जा सकते हैं, लेकिन शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस बार अधिक मास आषाढ़ का होगा। इसमें अधिक मास और शुद्ध मास तीन जून से 31 जुलाई के बीच होगा। इस दौरान 17 जुलाई से गुप्त नवरात्र भी शुरू होगा, जिसमें मां भगवती की पूजा करने से 100 फीसदी लाभ मिलता है।
बालोतरा। ग्रहों का राजा सूर्य 16 दिसंबर को घर छोड़ रहा है। वह वृश्चिक राशि को छोडक़र धनु राशि में प्रवेश करेगा। ग्रहों के हो रहे इस बदलाव के साथ ही मलमास की भी शुरुआत हो जाएगी। इसमें शादियों की धूम थम जाएगी। शुभ कार्य भी वर्जित रहेंगे। मलमास (खरमास) के कारण जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश संस्कार आदि मांगलिक कार्य भी नहीं होंगे। पंडित जीतेन्द्र दवे के अनुसार सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के कारण शुभ कार्य नहीं होते हैं। इस वर्ष 16 दिसंबर को सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेगा। इससे धनु मलमास प्रारंभ होगा, जो 15 जनवरी तक रहेगा। यह हर साल मकर संक्रांति तक ही रहता है, मगर इस बार मकर संक्रांति भी 15 जनवरी को होने के कारण इसका असर इस दिन तक रहेगा। इस दौरान किसी प्रकार के शुभ कार्य नहीं होंगे। 16 जनवरी से विवाह के शुभ मुहूर्त फिर से प्रारंभ होंगे, जो 13 जून तक चलेंगे। पंडित शर्मा ने बताया कि मलमास के दौरान मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे, पर जाप, हवन, यज्ञ भागवत कथा के आयोजन हो सकते हैं।
नए वर्ष में विवाह की रहेगी धूम
नएसाल में विवाह की धूम रहेगी। 20 अप्रैल से 13 जून के बीच 24 दिनों तक शहनाई गूंजेगी। जनवरी, मार्च और अप्रैल में भी विवाह के कई मुहूर्त हैं। 17 जून से 16 जुलाई तक अधिकमास लगेगा। 25 जुलाई को शुद्ध नवमी को विवाह होंगे, वहीं 27 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। इसके बाद 31 अक्टूबर को देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह के साथ शुभ कार्य शुरू होंगे।
आषाढ़ का अधिकमास
अंग्रेजीऔर हिंदी महीनों में 12 माह होते हैं, लेकिन विक्रम संवत् 2072 अधिकमास है। पंडित दवे ने बताया कि हर तीन साल में एक अधिकमास आता है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस माह में दान-पुण्य, धार्मिक पूजा-पाठ आदि तो किए जा सकते हैं, लेकिन शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस बार अधिक मास आषाढ़ का होगा। इसमें अधिक मास और शुद्ध मास तीन जून से 31 जुलाई के बीच होगा। इस दौरान 17 जुलाई से गुप्त नवरात्र भी शुरू होगा, जिसमें मां भगवती की पूजा करने से 100 फीसदी लाभ मिलता है।
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