आखिर क्यों उपेक्षित है ईतिहास नगरी गढ़ सिवाणा का ऐतिहासिक दुर्ग
Homeएक्सक्लूजिवसिवाना

आखिर क्यों उपेक्षित है ईतिहास नगरी गढ़ सिवाणा का ऐतिहासिक दुर्ग

                    सिवाना से जितेंद्र जांगिड़ की एक रिपोर्ट सिवाना। सिवाना क्षेत्र और यहा का ऐतिहासिक दुर्ग संपुर्ण राजस्थान के ईतिहास में ...

गर्ग का आईआईटी में चयन होने पर जताई ख़ुशी
कला : यहां बेटा,बाप,दादा और परदादा एकसाथ नाचते है. अनोखी है मोतीसरा की ‘जत्था गेर’
राजीव गांधी जयन्ति मनाई
                    सिवाना से जितेंद्र जांगिड़ की एक रिपोर्ट
सिवाना। सिवाना क्षेत्र और यहा का ऐतिहासिक दुर्ग संपुर्ण राजस्थान के ईतिहास में गौरवशाली पद को प्राप्त हैं मगर सरकार की उदासीनता के चलते सिवाना को अब तक पर्यटन नगरी बनाने की दिशा में कोई विशेष प्रयास नही किये गए हैं। राज्य में सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या भाजपा की, सिवाना के पर्यटन स्थल बनने के सपने को हमेशा निराशा ही हाथ लगी हैं। अब इसे स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कमजोरी कहें या फिर सरकार की कमजोर ईच्छाशक्ति वजह चाहे कुछ भी रही हों मगर ये तो साफ हैं कि कभी गौरवशाली अतीत का धनी रहा सिवाना क्षेत्र आज उपेक्षा का शिकार हैं।
उपेक्षा के शिकार ये ऐतिहासिक स्थल-
संपूर्ण सिवाना क्षेत्र में ऐसे कई ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं जो वर्तमान में जर्जर हो चुके हैं। सिवाना का ऐतिहासिक दुर्ग जिसे ईतिहास में अणक्लों के नाम से जाना जाता था, आज जर्जर हो चुका हैं। साथ ही किले में मौजूद राजमहल और त्रिकलश प्रासाद भी जर्जर होकर अपना अस्तित्व प्राय: खो चुके हैं। दुर्ग की रणभूमि जहाँ लडते हुए राव कल्ला रायमलोत ने प्राणोत्सर्ग किया था वह बबूल की झाडियों से घिरा हुआ हैं। किले में रहने वाले लोगो की प्यास बुझाने वाला अकूत जल का एकमात्र स्रोत तालाब की भी पाळ टूट रही हैं। वहीं हल्देश्वर पर्वत पर स्थित वीर दुर्गादास की पोल भी बिखर रही हैं। निकटवर्ती मोकलसर कस्बे में स्थित ऐतिहासिक बावड़ी को भी मरम्मत की दरकार हैं। इन सबके अलावा चारभूजा मंदिर, महाभारतकालीन भीमगोडा मंदिर, हल्देश्वर मंदिर और कल्ला राय मल समाधि स्थल को भी राजकीय सहयोग और संरक्षण की दरकार हैं।
ये कर सकते है अपेक्षित प्रयास.......

सिवाना को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार द्वारा ऐतिहासिक स्मारकों और छतरीयों की मरम्मत करवाकर इन्हें संरक्षित करना चाहियें। दुर्ग की दशा सुधारकर यहाँ पर संग्रहालय की स्थापना करनी चाहियें। सिवाना क्षेत्र के विभिन्न मार्गों का नामकरण क्षेत्र के ईतिहास पुरूषों के नाम पर हों और हर सर्किल और चौराहें पर उनकी प्रतिमाएँ स्थापित हों। कस्बे में प्रमुख प्रवेश मार्गों पर वृहद् पोल का निर्माण करवाया जायें। दुर्ग पर वीर दुर्गादास की एक विशाल प्रतिमा इस तरह स्थापित की जाएँ जो पुरे कस्बे में नजर आ सके।
शुरू हों गढ़ सिवाना महोत्सव...
क्षेत्र में थार और मरू महोत्सव की तर्ज पर सिवाणा महोत्सव का आयोजन किया जाये। इसके अंतर्गत शीतला सप्तमी मेला, गैर, घूमर सहित कई सांस्कृतिक गतिविधियों और प्रतियोगिताओं का आयोजन हो। इन सबके अतिरिक्त राव कल्ला राय मलोत के बलिदान दिवस का भी भव्य आयोजन किया जाये। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर समारोह दुर्ग पर भी आयोजित होने चाहिए। कस्बे के निकटवर्ती रेलवे स्टेशनों पर क्षेत्र की ऐतिहासिक घटनाओं के दृश्य दिवारों पर उकेरे जाए।
पर्यटन के रूप में करें विकसित
सिवाना महोत्सव शुरू करने और सिवाना को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के संबंध में मैने कई बार सरकार और प्रशासन से मांग की हैं। यह अत्यंत महत्वपुर्ण और आवश्यक हैं।
-जीवराज वर्मा, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी

दुर्ग का ईतिहास महत्वपूर्ण
गढ़ सिवाणा का दुर्ग और यह संपूर्ण क्षेत्र ईतिहास में अपना विशिष्ट स्थान रखता हैं। प्रशासन द्वारा इसे पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया जाना चाहिये जिससे आने वाली पिढियां इसके गौरवपूर्ण ईतिहास को जान पाएगी।
-रूगनाथाराम चौधरी, पुर्व व्याख्याता ईतिहास

दुर्ग की मरम्मत करवाएं सरकार
ऐतिहासिक दृष्टि से सिवाना दुर्ग काफी महत्वपुर्ण हैं। इसकी मरम्मत करवाकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए जिससे लोग इसके गौरवमयी अतित को जान पाए।
-जीत जांगिड़, विद्यार्थी एम.ए.ईतिहास

दुर्ग के विकास के लिए मैं कृतसंकल्प हूं
सिवाना को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिये मैं कृतसंकल्प हूूं। सिवाना दुर्ग और अन्य ऐतिहासिक स्थलो के संरक्षण की मांग मैने विधानसभा में उठाई थी। वहीं गत दिनो पुरातत्व विभाग और प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने भी सिवाना का दौरा कर विशाल वीर दुर्गादास प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया हैं।
हमीरसिंह  भायल विधायक सिवाना 

Name

balotra,22,siwana,1,अनोखी खबरें,16,अलीगढ़,1,आणंद,2,इंदौर,1,उज्जैन,1,एक्सक्लूजिव,200,चंडीगढ़,4,चेन्नई,5,जयपुर,29,जर्मनी,1,जसोल,118,जैसलमेर,6,जोधपुर,16,टोंक,2,धर्म,179,नई दिल्ली,93,पचपदरा,38,पादरू,1,पाली,1,बाड़मेर,204,बायतु,10,बालोतरा,1229,बीकानेर,1,बेंगलुरु,1,मथुरा,2,मुंबई,39,राष्ट्रीय,4,लखनऊ,12,लुधियाना,1,विडियो,18,समदड़ी,69,सिवाना,67,सीकर,1,हरियाणा,5,हैदराबाद,3,
ltr
item
आज की खास खबर : आखिर क्यों उपेक्षित है ईतिहास नगरी गढ़ सिवाणा का ऐतिहासिक दुर्ग
आखिर क्यों उपेक्षित है ईतिहास नगरी गढ़ सिवाणा का ऐतिहासिक दुर्ग
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjhHoX3s0hrXKJXItH4l2eJLYuCqFn0uTIC7LKzJdppC6cWpAkyjrZZtXz4NnSQO8AykSaM_-PY_GMs1Kr3V_73Rbu7QvO8Fg9IU3V4sdsxmbabBv7hhBi0f4m0KaQaLdYExg4YYwEvjqvR/s1600/7.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjhHoX3s0hrXKJXItH4l2eJLYuCqFn0uTIC7LKzJdppC6cWpAkyjrZZtXz4NnSQO8AykSaM_-PY_GMs1Kr3V_73Rbu7QvO8Fg9IU3V4sdsxmbabBv7hhBi0f4m0KaQaLdYExg4YYwEvjqvR/s72-c/7.jpg
आज की खास खबर
https://aajkikhaskhabar.blogspot.com/2014/12/blog-post_43.html
https://aajkikhaskhabar.blogspot.com/
http://aajkikhaskhabar.blogspot.com/
http://aajkikhaskhabar.blogspot.com/2014/12/blog-post_43.html
true
794489474825408410
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy