जयपुर : छ्ठे जयपुर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह-जिफ के चौथे दिन 44 फिल्मों की स्क्रीनिंग गोलछा सिनेमा और चेम्बर भवन में हुई. चेम्बर भवन में ...
जयपुर:
छ्ठे जयपुर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह-जिफ के चौथे दिन 44 फिल्मों की स्क्रीनिंग गोलछा सिनेमा और चेम्बर भवन में हुई.
चेम्बर भवन में फिल्म फण्ड पर एक सार्थक चर्चा क आयोजन किया गया. इस चर्चा में समने आया की एक फिल्म मेकर आज यदि फिल बनाता है तो वे सरकार से, एन. जी. ओ से, करोपोरेट से, ओनलाईन फण्डिंग् से,प्राइवेट फण्डिंग् से, दुतावासो से फण्डिंग्, टेलिवीजन चेनलों से फण्डिंग्,क्राउड फण्डिंग् जैसे बहुत से मीडियम हैं जिनके माध्यम से फिल्म के लिये फण्ड जुटाया जा सकता है.
क्राउड फंडिग़ से बनी मलयालम फिल्म कलिमनू की स्क्रीनिग भी की गई. जिफ 2009 में दिखाई गई फिल्म रामचन्द्र पाकीस्तानी फिल्म इस कांसेप्ट से ही बनी थी. आज क्राउड फंडिग़ का सिलसीला बढता जा रहा है. एक दिन भारत में क्राउड फंडिग़ के दम पर एक नया सिनेमा जन्म लेने वाला है. जिफ एस विचार को सपोर्ट करता है.
जिफ ने भारत के अलग-अलग राज्यों में सरकार द्वारा जो सुविधाये उप्लब्ध कराई जाती हैं के डाटा जुटाये है, जो प्रतिभागीयों के साथ शेयर किये गये. जैसे उतराखण्ड में सरकार गढ्वाली/कुमाउनी भाषा में निर्मित फीचर फिल्मों को निर्माण लागत का 30 प्रतिशत अथवा अधिकतम रू 10.00 लाख का अनुदान दिया जायेगा जैसे नियम हैं. मराठी फिल्मों के लिये 40.00 लाख रुपये अनुदान मिलता है. अनेक देश उनके देश में फिल्म बनाने के लिये 70% तक अनुदान देते हैं जैसे फीजी.
जिंदा भाग फिल्म के डायरेक्टर फरजाद नबी ने कहा की पाकिस्तान में अभी इस तरह के कोंसेप्ट नही है. वहां सिनेमा पर भारत में जैसे अंडर्वर्ल्ड है वैसे ही वहां गुर्जर है. उन्होंने कहा की पकिस्तान ने पहली बार भारत से जिंदा भाग से जुडे कलाकारो को वर्कींग वीजा दिया गया. ऐसा पहले कभी नही हुआ था.
आज सुबह 10:00 बजे से रात 9:00 बजे तक 30 फिल्मो की स्क्रीनंग की जायेगी. इनमें तीन् ऑस्कर की ऑफिसियल एंट्री रही फिल्मों की स्क्रीनिग भी शामिल हैं.
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