बालोतरा। मकर संक्रान्ति का धार्मिक पर्व शनिवार को पूरे उपखण्ड क्षेत्र में हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया। प्रात: सूर्य की पहली किरण निकलने...
बालोतरा। मकर संक्रान्ति का धार्मिक पर्व शनिवार को पूरे उपखण्ड क्षेत्र में हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया। प्रात: सूर्य की पहली किरण निकलने से पूर्व महिलाए घर आंगन में गोबर का लेप कर सूर्य भगवान की पूजा - अर्चना कर बाजरी का खीच, गुड, घी, तिल पापड़ी व लडडू का भोग लगाया। धार्मिक मान्यता के चलते इस पर्व पर लोगों द्वारा कई तरह के दान पुण्य भी किए गए। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुष्कर व हरिद्वार पहुंचकर स्नान कर पूजा अर्चना कर परिवार में सुख समृद्धि व खुशहाली की कामनाएं की। मकर संक्रान्ति पर्व को लेकर बाजार में तिल पापडी, तिल के लडडू व गजक की दुकानों पर जमकर बिक्री हुई। सब्जी मण्डी में भी मूली, गाजर, मोगरियां व बैर की बिक्री भी जमकर हुई।
ओड़ा लुटाने की परम्परा का किया निर्वाह
धार्मिक मान्यता के अनुसार महिलाओं द्वारा ओडा लुटाने की परम्परा भी पूर्ण रिति रिवाज से निर्वाह किया गया। इस परम्परा के दौरान माली जाति की महिलाएं सब्जी बेचने वाले ओडे में गाजर, मुली व बैर आदि वस्तुएं भरकर ओडे लुटाने वाली महिला के घर आंगन में रखा तथा मौहल्ले के नन्ने मुन्ने बच्चे व बालिकाएं ओडे में रखीं वस्तुए लुट कर ले गए। उसके पश्चात ओडा लुटाने वाली महिलाओं द्वारा अनाज, कपड़ा व नकद राशि उपहार के स्वरूप प्रदान की गई।
तेरह वस्तुओं का किया दान पुण्य
मकर संक्रांन्ति पर्व पर घरों में दान पुण्य के रूप में तेरूडा यानि तेरह प्रकार की वस्तुएं जिसमें तिल की लडडू, फल, बर्तन, कपडे इत्यादि का सामग्री का दान बालिकाओं, साधु संतो में वितरित की गई। बुधवार को दिन भर पशु पक्षियों को हरा चारा व चुगा के साथ हलवा बनाकर भी दान पुण्य के रूप मेंं दिया गया। मकर संक्रान्ति पर्व को लेकर पतंग बैचने वाले दुकानदरों के यहां बच्चों, युवाओं द्वारा जमकर पतंगों की खरीददारी की तथा दिन भर अनेक मौहल्लों में घरों की छतों पर बच्चों व युवाओ को पतंग उडाते देखा गया। पतंगों को देखने के लिए लोगो की नजरें दिनभर आकाश की तरफ टीकी रही।
ओड़ा लुटाने की परम्परा का किया निर्वाह
धार्मिक मान्यता के अनुसार महिलाओं द्वारा ओडा लुटाने की परम्परा भी पूर्ण रिति रिवाज से निर्वाह किया गया। इस परम्परा के दौरान माली जाति की महिलाएं सब्जी बेचने वाले ओडे में गाजर, मुली व बैर आदि वस्तुएं भरकर ओडे लुटाने वाली महिला के घर आंगन में रखा तथा मौहल्ले के नन्ने मुन्ने बच्चे व बालिकाएं ओडे में रखीं वस्तुए लुट कर ले गए। उसके पश्चात ओडा लुटाने वाली महिलाओं द्वारा अनाज, कपड़ा व नकद राशि उपहार के स्वरूप प्रदान की गई।
तेरह वस्तुओं का किया दान पुण्य
मकर संक्रांन्ति पर्व पर घरों में दान पुण्य के रूप में तेरूडा यानि तेरह प्रकार की वस्तुएं जिसमें तिल की लडडू, फल, बर्तन, कपडे इत्यादि का सामग्री का दान बालिकाओं, साधु संतो में वितरित की गई। बुधवार को दिन भर पशु पक्षियों को हरा चारा व चुगा के साथ हलवा बनाकर भी दान पुण्य के रूप मेंं दिया गया। मकर संक्रान्ति पर्व को लेकर पतंग बैचने वाले दुकानदरों के यहां बच्चों, युवाओं द्वारा जमकर पतंगों की खरीददारी की तथा दिन भर अनेक मौहल्लों में घरों की छतों पर बच्चों व युवाओ को पतंग उडाते देखा गया। पतंगों को देखने के लिए लोगो की नजरें दिनभर आकाश की तरफ टीकी रही।
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