संवाददाता ओमप्रकाश सोनी के साथ वरिष्ठ पत्रकार सदाशिव सलुंदिया की रिपोर्ट बालोतरा। ग्राम पंचायत लालाणा के सड़ला नाडा मामाजी डूंगरसिंह जी, श...
संवाददाता ओमप्रकाश सोनी के साथ वरिष्ठ पत्रकार सदाशिव सलुंदिया की रिपोर्ट
बालोतरा। ग्राम पंचायत लालाणा के सड़ला नाडा मामाजी डूंगरसिंह जी, शैतानसिंह जी राठौड़ एवं श्री सुभद्रा माताजी के नवनिर्मित मंदिर में मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा 7 मार्च को श्रद्धा व उत्साह के साथ धूमधाम से की जाएगी। महोत्सव के उपलक्ष में निकाली गई कलष यात्रा में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। महोत्सव को लेकर मंदिर परिसर पर आयोजित हुए विभिन्न अनुष्ठानों में भक्त-भाविकों ने उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया।
गुरूवार को दोपहर 12.30 बजे मंदिर परिसर से कलष यात्रा निकाली गई। जल यात्रा में सबसे आगे सुसज्जित ऊंट व घोड़ों पर सवार चल रहे थे। इनके पीछे सिर पर मंगल कलष लेकर बालिकाएं मंगल गीत गाती हुई चल रही थी। वहीं राम-दरबार, राधा-कृष्ण, हनुमान सहित विभिन्न देवी-देवताओं के जीवन पर आधारित मनमोहक झांकियां श्रद्धालुओं को लुभा रही थी। इस दौरान मामाजी डूंगरसिंह जी, शैतानसिंह जी सुभद्रा माताजी, नागणेच्या माताजी, काला-गोरा भेरू, गणेष की मूर्तियां लेकर लाभार्थी परिवारजन टेªक्टर में सवार होकर चल रहे थे। कलष यात्रा के दौरान परंपरागत वेषभूषा में बैंड व भजन मण्डलियों की सुमधुर भजनों की स्वरलहरियों पर नाचती-गाते महिला-पुुरूष चल रहे थे। जल यात्रा गांव के मुख्य मार्गों से होती हुई लालेष्वर महादेव मठ पहुंची। यहां पर मठ के गिरीवरगिरी महाराज ने कलषों में विधि-विधान के साथ पवित्र जल भरा। इसके बाद कलष यात्रा वापस मंदिर परिसर पहुंची। यहां पर भोपाजी भूराराम जी व महामण्डलेष्वर नरसिंगदास महाराज ने विधि-विधान पूर्वक बालिकाओं का बहुमान किया।
हवन में यजमानों दी आहुतियां-
गुरूवार को दोपहर करीब 12 बजे प्रधान आचार्य पंडित अनिलकुमार व्यास के मार्ग दर्षन में विद्वान पंडितों ने यजमानों को विधि-विधान पूर्वक आहुतियां दिलवाई। यजमानों यज्ञवेदी में आहुतियां देकर सुख-समृद्धि व क्षेत्र की खुषहाली की कामना की।
रातभर सुरसरिता में गोते लगाते रहे श्रोता-
बुधवार रात्रि में मंदिर परिसर में आयोजित हुई भजन संध्या में क्षेत्र के मषहूर भजन गायकों ने भजनों की सुमधुर प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को भोर तक बांधे रखा। भजन गायक किषोरलाल देवड़ा, दीपक राव, गोविंद पटेल, धनपुरी, श्रवणदास, दूदाराम वैष्णव, सुरेषदास, अषोक जोषी व विकास ने गणपति वंदन, गुरु महिमा सहित विभिन्न देवी-देवताओं के जीवन पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर लालाणा, मांगला, जेठंतरी, टेडा, बामसीन, समदड़ी, बालोतरा, सिलोर, कुंपावास, कीटनोद, आसोतरा, कनाना, पारलू सहित कई गांवों के सैकड़ों श्रोता मौजूद थे।
इनका मिला सानिध्य-
महोत्सव के दौरान हुई विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में तारातरा मठ के गादीपति प्रतापपुरी महाराज, महामण्डलेष्वर नरसिंगदास महाराज, देवलियाली जगदीषदास महाराज, कनाना महंत रामेष्वरगिरी महाराज, खारव मठ के महंत सुमेरपुरी महाराज, चेंडा के पदमाराम महाराज, धुम्बड़ा के मंगलभारती महाराज व मांगला के हिंगलाज माता के भक्त रणछोड़राम का सानिध्य प्राप्त हुआ।
धर्म व गौमाता की रक्षार्थ आगे आने आव्हान-
महोत्सव के दौरान मंदिर परिसर पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए तारातरा मठ के गादीपति प्रतापपुरी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं से धर्म व गौ माता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने की सीख देते हुए धर्म का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने का आव्हान किया। उन्होंने गाय की सेवा को सबसे बड़ी के साथ मानव का धर्म बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में गौवंष की रक्षा होनी अनिवार्य हैं।
बालोतरा। ग्राम पंचायत लालाणा के सड़ला नाडा मामाजी डूंगरसिंह जी, शैतानसिंह जी राठौड़ एवं श्री सुभद्रा माताजी के नवनिर्मित मंदिर में मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा 7 मार्च को श्रद्धा व उत्साह के साथ धूमधाम से की जाएगी। महोत्सव के उपलक्ष में निकाली गई कलष यात्रा में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। महोत्सव को लेकर मंदिर परिसर पर आयोजित हुए विभिन्न अनुष्ठानों में भक्त-भाविकों ने उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया।
गुरूवार को दोपहर 12.30 बजे मंदिर परिसर से कलष यात्रा निकाली गई। जल यात्रा में सबसे आगे सुसज्जित ऊंट व घोड़ों पर सवार चल रहे थे। इनके पीछे सिर पर मंगल कलष लेकर बालिकाएं मंगल गीत गाती हुई चल रही थी। वहीं राम-दरबार, राधा-कृष्ण, हनुमान सहित विभिन्न देवी-देवताओं के जीवन पर आधारित मनमोहक झांकियां श्रद्धालुओं को लुभा रही थी। इस दौरान मामाजी डूंगरसिंह जी, शैतानसिंह जी सुभद्रा माताजी, नागणेच्या माताजी, काला-गोरा भेरू, गणेष की मूर्तियां लेकर लाभार्थी परिवारजन टेªक्टर में सवार होकर चल रहे थे। कलष यात्रा के दौरान परंपरागत वेषभूषा में बैंड व भजन मण्डलियों की सुमधुर भजनों की स्वरलहरियों पर नाचती-गाते महिला-पुुरूष चल रहे थे। जल यात्रा गांव के मुख्य मार्गों से होती हुई लालेष्वर महादेव मठ पहुंची। यहां पर मठ के गिरीवरगिरी महाराज ने कलषों में विधि-विधान के साथ पवित्र जल भरा। इसके बाद कलष यात्रा वापस मंदिर परिसर पहुंची। यहां पर भोपाजी भूराराम जी व महामण्डलेष्वर नरसिंगदास महाराज ने विधि-विधान पूर्वक बालिकाओं का बहुमान किया।
हवन में यजमानों दी आहुतियां-
गुरूवार को दोपहर करीब 12 बजे प्रधान आचार्य पंडित अनिलकुमार व्यास के मार्ग दर्षन में विद्वान पंडितों ने यजमानों को विधि-विधान पूर्वक आहुतियां दिलवाई। यजमानों यज्ञवेदी में आहुतियां देकर सुख-समृद्धि व क्षेत्र की खुषहाली की कामना की।
रातभर सुरसरिता में गोते लगाते रहे श्रोता-
बुधवार रात्रि में मंदिर परिसर में आयोजित हुई भजन संध्या में क्षेत्र के मषहूर भजन गायकों ने भजनों की सुमधुर प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को भोर तक बांधे रखा। भजन गायक किषोरलाल देवड़ा, दीपक राव, गोविंद पटेल, धनपुरी, श्रवणदास, दूदाराम वैष्णव, सुरेषदास, अषोक जोषी व विकास ने गणपति वंदन, गुरु महिमा सहित विभिन्न देवी-देवताओं के जीवन पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर लालाणा, मांगला, जेठंतरी, टेडा, बामसीन, समदड़ी, बालोतरा, सिलोर, कुंपावास, कीटनोद, आसोतरा, कनाना, पारलू सहित कई गांवों के सैकड़ों श्रोता मौजूद थे।
इनका मिला सानिध्य-
महोत्सव के दौरान हुई विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में तारातरा मठ के गादीपति प्रतापपुरी महाराज, महामण्डलेष्वर नरसिंगदास महाराज, देवलियाली जगदीषदास महाराज, कनाना महंत रामेष्वरगिरी महाराज, खारव मठ के महंत सुमेरपुरी महाराज, चेंडा के पदमाराम महाराज, धुम्बड़ा के मंगलभारती महाराज व मांगला के हिंगलाज माता के भक्त रणछोड़राम का सानिध्य प्राप्त हुआ।
धर्म व गौमाता की रक्षार्थ आगे आने आव्हान-
महोत्सव के दौरान मंदिर परिसर पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए तारातरा मठ के गादीपति प्रतापपुरी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं से धर्म व गौ माता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने की सीख देते हुए धर्म का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने का आव्हान किया। उन्होंने गाय की सेवा को सबसे बड़ी के साथ मानव का धर्म बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में गौवंष की रक्षा होनी अनिवार्य हैं।
COMMENTS